HIV क्या है?

एचआईवी (HIV) का पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) है। यह एक ऐसा वायरस है जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) पर हमला करता है और उसे धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है, इसलिए जब एचआईवी इसे कमजोर कर देता है, तो शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और कुछ कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
एचआईवी सीधे तौर पर सीडी4 (CD4) कोशिकाओं या टी-सेल्स (T-cells) पर हमला करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये कोशिकाएं शरीर को संक्रमणों से लड़ने के लिए संकेत देती हैं। जैसे-जैसे वायरस इन कोशिकाओं को नष्ट करता जाता है, शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती जाती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एचआईवी संक्रमण और एड्स (AIDS) दो अलग-अलग चीजें हैं। एचआईवी एक वायरस है, जबकि एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम – Acquired Immunodeficiency Syndrome) एचआईवी संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। एड्स तब विकसित होता है जब एचआईवी प्रतिरक्षा प्रणाली को इतना नुकसान पहुंचा देता है कि शरीर सामान्य बीमारियों से भी लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एचआईवी से संक्रमित होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि व्यक्ति को एड्स हो गया है। सही इलाज के साथ, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है और एड्स को विकसित होने से रोक सकता है।
एचआईवी कैसे फैलता है?
एचआईवी कुछ विशेष शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से फैलता है। ये तरल पदार्थ हैं:
- रक्त (Blood)
- वीर्य (Semen)
- योनि स्राव (Vaginal fluids)
- स्तन दूध (Breast milk)
एचआईवी फैलने के मुख्य तरीके इस प्रकार हैं:
- असुरक्षित यौन संबंध: एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ योनि, गुदा या मुख मैथुन के दौरान कंडोम का उपयोग न करना।
- दूषित सुइयों का साझा उपयोग: नशीली दवाओं के इंजेक्शन के लिए या टैटू बनवाने के लिए दूषित सुइयों और सिरिंज का उपयोग करना।
- रक्त आधान (Blood Transfusion): हालांकि आधुनिक चिकित्सा में रक्त की कठोर जांच की जाती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में दूषित रक्त आधान से भी यह फैल सकता है।
- मां से बच्चे में संचरण: संक्रमित मां गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान अपने शिशु में वायरस संचारित कर सकती है। हालांकि, उचित दवाओं और देखभाल के साथ इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
एचआईवी सामान्य सामाजिक संपर्क से नहीं फैलता है, जैसे हाथ मिलाना, गले मिलना, साथ खाना खाना, एक ही शौचालय का उपयोग करना या मच्छर के काटने से।
एचआईवी के लक्षण क्या है?
एचआईवी संक्रमण के शुरुआती लक्षण अक्सर फ्लू जैसे होते हैं और इन्हें आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है। इसमें बुखार, थकान, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और लिम्फ नोड्स (सूजी हुई ग्रंथियां) शामिल हो सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2-4 सप्ताह के भीतर दिखाई देते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। इसके बाद, वायरस शरीर में लंबे समय तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के रह सकता है, जिसे अव्यक्त चरण (latent stage) कहा जाता है। यदि इलाज न किया जाए, तो यह चरण कई वर्षों तक चल सकता है, जिसके बाद एड्स विकसित होता है। एड्स के लक्षणों में तेजी से वजन कम होना, अत्यधिक थकान, बार-बार बुखार, रात में पसीना आना, दस्त, मुंह या जननांगों पर छाले, और गंभीर संक्रमण शामिल हैं।
एचआईवी का इलाज और बचाव क्या है?
एचआईवी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) नामक दवाएं उपलब्ध हैं जो वायरस को नियंत्रित कर सकती हैं। एआरटी वायरस के स्तर को कम करती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, और संक्रमित व्यक्ति को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है। सही और नियमित एआरटी से, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का वायरस स्तर इतना कम हो सकता है कि वह दूसरों में वायरस संचारित न कर सके (जिसे “पता न लगने योग्य = गैर-संचारी” या “U=U” कहा जाता है)।
एचआईवी से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- सुरक्षित यौन संबंध बनाएं: यौन संबंध के दौरान हमेशा कंडोम का सही तरीके से उपयोग करें।
- सुइयों को साझा न करें: सुई या सिरिंज का उपयोग कभी भी साझा न करें।
- एचआईवी परीक्षण करवाएं: यदि आप जोखिम में हैं तो नियमित रूप से एचआईवी परीक्षण करवाएं।
- प्रेप (Pre-Exposure Prophylaxis – PrEP) और पेप (Post-Exposure Prophylaxis – PEP) जैसी निवारक दवाओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
जागरूकता और शिक्षा एचआईवी/एड्स से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।