Blog

एचआईवी के लिए जोखिम कारक ?

एचआईवी (मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, जिससे शरीर संक्रमण और कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने में अक्षम हो जाता है। यह वायरस शरीर के कुछ तरल पदार्थों, जैसे रक्त, वीर्य, योनि स्राव, गुदा स्राव और स्तन के दूध के माध्यम से फैलता है।

एचआईवी संक्रमण का जोखिम उन व्यवहारों या परिस्थितियों में बढ़ जाता है जिनमें इन तरल पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। एचआईवी संक्रमण के लिए प्रमुख जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

1. असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected Sexual Intercourse)

यह एचआईवी संक्रमण का सबसे आम तरीका है।

  • कंडोम का उपयोग न करना: योनि, गुदा (Anal) या मौखिक (Oral) यौन संबंध के दौरान कंडोम का सही और लगातार उपयोग न करने से एचआईवी का संचरण (Transmission) काफी बढ़ जाता है। गुदा मैथुन में संचरण का खतरा सबसे अधिक होता है क्योंकि गुदा के ऊतक (Tissues) आसानी से फट सकते हैं।
  • अनेक यौन साथी: जितने अधिक यौन साथी होते हैं, संक्रमण के संपर्क में आने का जोखिम उतना ही अधिक होता है।
  • अन्य यौन संचारित संक्रमण (STIs): यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही गोनोरिया, सिफलिस, क्लैमाइडिया, या हर्पीस जैसे अन्य एसटीआई हैं, तो एचआईवी के संचरण और अधिग्रहण का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है। एसटीआई जननांगों में घाव या सूजन पैदा करते हैं, जो वायरस के प्रवेश के लिए मार्ग खोलते हैं।

2. सुइयों (Needles) या सीरिंज (Syringes) का साझा उपयोग

यह दूसरा सबसे आम जोखिम कारक है।

  • मादक द्रव्यों का इंजेक्शन: ड्रग्स इंजेक्ट करने वाले लोग अक्सर सुइयों, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन उपकरणों को साझा करते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति के रक्त की थोड़ी मात्रा भी सुई में रह जाती है और उसे किसी अन्य व्यक्ति में इंजेक्ट किया जाता है, तो वायरस का संचरण हो सकता है।

3. दूषित रक्त या रक्त उत्पाद

हालांकि आधुनिक रक्त स्क्रीनिंग विधियों (Screening Methods) के कारण यह जोखिम अब अत्यंत कम है, फिर भी कुछ परिदृश्य शामिल हैं:

  • असुरक्षित रक्त आधान (Blood Transfusion): उन क्षेत्रों में जहाँ रक्त की जाँच नहीं की जाती है, यह जोखिम कारक बना रहता है।
  • चिकित्सा और सौंदर्य प्रक्रियाएँ: यदि टैटू बनाने, पियर्सिंग या एक्यूपंक्चर के दौरान स्टरलाइज़ (Sterilize) न किए गए उपकरण, खासकर सुइयों का उपयोग किया जाता है, तो जोखिम होता है।

4. मां से बच्चे में संचरण (Mother-to-Child Transmission – MTCT)

एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला से उसके बच्चे में वायरस फैल सकता है:

  • गर्भावस्था के दौरान: गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा के माध्यम से।
  • प्रसव के दौरान: जन्म नलिका (Birth Canal) से गुजरते समय।
  • स्तनपान के माध्यम से: स्तनपान कराते समय।

हालांकि, एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) दिए जाने पर यह जोखिम अब 1% से भी कम हो गया है।

5. व्यावसायिक जोखिम (Occupational Exposure)

स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों (जैसे डॉक्टर, नर्स) को संक्रमित रोगी के रक्त या शारीरिक तरल पदार्थ से दूषित सुई या नुकीली चीज़ों से आकस्मिक चोट लगने पर जोखिम हो सकता है। यह जोखिम आमतौर पर पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) दवा के उपयोग से नियंत्रित किया जाता है।

निष्कर्ष:

एचआईवी संक्रमण के जोखिम कारक मुख्य रूप से असुरक्षित व्यवहार से जुड़े हैं, न कि व्यक्ति के जीवन शैली या पहचान से। जोखिम को कम करने के लिए, कंडोम का उपयोग करना, सुइयों को साझा करने से बचना और यदि जोखिम की संभावना हो तो तुरंत पीईपी (PEP) उपचार और नियमित एचआईवी जाँच कराना महत्वपूर्ण है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page