माँ से बच्चे में एचआईवी का फेलना?

हाँ, एचआईवी (HIV) माँ से बच्चे में फैल सकता है। यह एक गंभीर समस्या है जिसे मेडिकल भाषा में “मातृ-शिशु संचरण” (Mother-to-Child Transmission – MTCT) कहा जाता है। यह संक्रमण गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान हो सकता है। बिना किसी हस्तक्षेप के, एचआईवी पॉजिटिव माँ से उसके बच्चे में संक्रमण फैलने की संभावना 15% से 45% तक हो सकती है। हालाँकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने इस जोखिम को बहुत कम कर दिया है, जिससे एचआईवी पॉजिटिव महिलाएँ भी स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सकती हैं।
कैसे होता है संक्रमण?
- गर्भावस्था के दौरान: गर्भावस्था के समय एचआईवी वायरस प्लेसेंटा (गर्भनाल) के माध्यम से माँ के रक्त से बच्चे के रक्त में प्रवेश कर सकता है। यह जोखिम गर्भावस्था की अवधि के साथ बढ़ता है, खासकर अंतिम तिमाही में।
- प्रसव के दौरान: प्रसव के समय बच्चा माँ के रक्त और योनि स्राव के संपर्क में आता है। यदि माँ का वायरल लोड (रक्त में वायरस की मात्रा) अधिक है, तो बच्चे में संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
- स्तनपान के दौरान: एचआईवी वायरस स्तन के दूध में भी मौजूद होता है। यदि संक्रमित माँ अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, तो बच्चे में संक्रमण फैलने की संभावना होती है।
रोकथाम और उपचार?
अच्छी बात यह है कि चिकित्सा विज्ञान में हुई प्रगति के कारण माँ से बच्चे में एचआईवी संचरण को लगभग पूरी तरह से रोका जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:
- गर्भावस्था के दौरान एचआईवी परीक्षण: सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी परीक्षण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। जितनी जल्दी संक्रमण का पता चलता है, उतनी ही जल्दी इलाज शुरू किया जा सकता है।
- एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART): यदि कोई गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव पाई जाती है, तो उसे तुरंत एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) शुरू कर देनी चाहिए। ये दवाएं शरीर में एचआईवी वायरस की मात्रा (वायरल लोड) को कम करती हैं। गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान नियमित रूप से इन दवाओं का सेवन करने से संक्रमण का खतरा 1% से भी कम हो सकता है।
- सुरक्षित प्रसव: जिन महिलाओं का वायरल लोड कम होता है, उनके लिए सामान्य प्रसव सुरक्षित हो सकता है। लेकिन यदि वायरल लोड अधिक है, तो डॉक्टर अक्सर सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean section) की सलाह देते हैं ताकि बच्चे का माँ के रक्त से संपर्क कम से कम हो।
- नवजात शिशु का उपचार: प्रसव के तुरंत बाद, बच्चे को भी कुछ हफ्तों के लिए एचआईवी विरोधी दवाएं दी जाती हैं ताकि किसी भी संभावित संक्रमण को रोका जा सके।
- स्तनपान से बचना: जिन देशों में शिशु फार्मूला (Infant formula) आसानी से उपलब्ध और सुरक्षित है, वहाँ एचआईवी पॉजिटिव माताओं को स्तनपान न कराने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष:
सही समय पर निदान, उचित चिकित्सा देखभाल और जागरूकता से एचआईवी पॉजिटिव महिला भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाएँ नियमित जांच कराएं और यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू करें।