HIV का मतलब क्या है?

एचआईवी (HIV) का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus)। यह एक ऐसा वायरस है जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) पर हमला करता है और उसे कमजोर कर देता है। प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है, ठीक वैसे ही जैसे एक सेना देश की रक्षा करती है।
एचआईवी कैसे काम करता है?
एचआईवी विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली की कुछ महत्वपूर्ण कोशिकाओं को निशाना बनाता है जिन्हें सीडी4 कोशिकाएं (CD4 cells) या टी-कोशिकाएं कहा जाता है। ये कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की “कमांडर” होती हैं, जो अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बताती हैं कि संक्रमण से कैसे लड़ना है।
जब एचआईवी इन सीडी4 कोशिकाओं में प्रवेश करता है, तो यह अपनी प्रतियां बनाना शुरू कर देता है और अंततः इन कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। जैसे-जैसे समय के साथ सीडी4 कोशिकाओं की संख्या कम होती जाती है, शरीर की संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कम होती जाती है। यह शरीर को उन बीमारियों के प्रति संवेदनशील बना देता है जिनसे एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाला व्यक्ति आसानी से लड़ सकता है।
एचआईवी संक्रमण के चरण:
एचआईवी संक्रमण के कई चरण होते हैं:
- तीव्र संक्रमण (Acute Infection): एचआईवी के संपर्क में आने के कुछ हफ्तों के भीतर, कुछ लोगों को फ्लू जैसे लक्षण (जैसे बुखार, थकान, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द) का अनुभव हो सकता है। यह वह समय होता है जब वायरस तेजी से शरीर में फैलता है। हालांकि, कई लोगों को इस चरण में कोई लक्षण नहीं दिखते, या वे उन्हें सामान्य फ्लू समझ लेते हैं।
- क्रोनिक या नैदानिक सुप्तता (Chronic or Clinical Latency): इस चरण में, वायरस शरीर में मौजूद रहता है, लेकिन यह कम सक्रिय होता है। व्यक्ति को इस दौरान कोई लक्षण महसूस नहीं हो सकते हैं, या बहुत हल्के लक्षण हो सकते हैं। यह चरण बिना उपचार के 10 साल या उससे अधिक समय तक चल सकता है। हालांकि, वायरस इस दौरान भी धीरे-धीरे सीडी4 कोशिकाओं को नष्ट करता रहता है।
- एड्स (AIDS): यह एचआईवी संक्रमण का सबसे उन्नत और गंभीर चरण है। एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि व्यक्ति को गंभीर, जानलेवा अवसरवादी संक्रमण (opportunistic infections) या एचआईवी-संबंधित कैंसर हो जाते हैं। इन संक्रमणों को “अवसरवादी” कहा जाता है क्योंकि वे एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का “अवसर” लेते हैं, जबकि एक स्वस्थ व्यक्ति में वे शायद ही कभी बीमारी का कारण बनते हैं।
एचआईवी कैसे फैलता है?
एचआईवी मुख्य रूप से कुछ शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से फैलता है, जिनमें शामिल हैं:
- रक्त (Blood)
- वीर्य (Semen)
- योनि द्रव (Vaginal fluids)
- गुदा द्रव (Anal fluids)
- स्तन का दूध (Breast milk)
सबसे आम तरीके जिनसे एचआईवी फैलता है, वे हैं:
- असुरक्षित यौन संबंध: एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ कंडोम का उपयोग किए बिना योनि, गुदा या मौखिक यौन संबंध।
- इंजेक्टिंग ड्रग्स के लिए सुइयों या सीरिंज को साझा करना: संक्रमित रक्त वाली सुइयों या सीरिंज को साझा करना।
- मां से बच्चे में संचरण: गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान एचआईवी पॉजिटिव मां से उसके बच्चे में।
- संक्रमित रक्त आधान या अंग प्रत्यारोपण: हालांकि, रक्त आपूर्ति की कठोर जांच के कारण यह अब बहुत दुर्लभ है।
एचआईवी कैसे नहीं फैलता?
एचआईवी हवा, पानी, मच्छर के काटने, शौचालय सीट, या गले मिलने, हाथ मिलाने, साथ खाने या सार्वजनिक स्थानों पर रहने जैसे सामान्य संपर्क से नहीं फैलता है।
उपचार (Treatment):
एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) नामक अत्यधिक प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं। एआरटी एचआईवी को शरीर में अपनी प्रतियां बनाने से रोककर काम करती है, जिससे वायरस का स्तर (वायरल लोड) बहुत कम हो जाता है। जब वायरल लोड इतना कम हो जाता है कि उसका पता नहीं लगाया जा सके (जिसे “undetectable” कहा जाता है), तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति यौन संबंध के माध्यम से वायरस को दूसरों तक नहीं फैला सकता है (जिसे “U=U” – Undetectable = Untransmittable – के रूप में जाना जाता है)। एआरटी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को लंबा, स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने में मदद करती है और उन्हें एड्स के चरण तक पहुंचने से रोकती है।
नियमित जांच और समय पर उपचार एचआईवी प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं।