कैंसर से बचाव वाले आहार ?

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन सही आहार और जीवनशैली अपनाकर इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हमारे भोजन में ऐसे कई पोषक तत्व और यौगिक होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और उनसे लड़ने में मदद करते हैं। यहाँ कैंसर से बचाव वाले आहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
1. फल और सब्जियां: प्रकृति का वरदान फल और सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये सभी तत्व शरीर को मुक्त कणों (free radicals) से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। विभिन्न रंगों के फल और सब्जियां खाएं, क्योंकि हर रंग अपने विशेष पोषक तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है।
- गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल, ब्रोकोली, पत्ता गोभी, फूल गोभी में सल्फोराफेन और इंडोल जैसे यौगिक होते हैं जो कैंसर रोधी प्रभाव दिखाते हैं।
- जामुन और खट्टे फल: ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, संतरे और नींबू में एंथोसायनिन और विटामिन सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
- टमाटर: लाइकोपीन से भरपूर, टमाटर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
- गाजर: बीटा-कैरोटीन से भरपूर, गाजर पेट, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकती है।
2. साबुत अनाज: फाइबर का खजाना सफेद अनाज (जैसे मैदा) की बजाय साबुत अनाज (जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा, ज्वार और साबुत गेहूं) का सेवन करें। साबुत अनाज में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
3. फलियां और दालें: प्रोटीन और फाइबर का संगम दालें, बीन्स, छोले और राजमा प्रोटीन और फाइबर के उत्कृष्ट स्रोत हैं। इनमें फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को बाधित कर सकते हैं। दालों का नियमित सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करने से जुड़ा है।
4. स्वस्थ वसा: सही चुनाव महत्वपूर्ण मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा (जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स और बीज) का सेवन करें। ये वसा सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और अत्यधिक तले हुए भोजन से बचें, क्योंकि इनमें अस्वास्थ्यकर वसा होती है जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
5. मसाले और जड़ी-बूटियां: प्रकृति की दवा कुछ मसाले और जड़ी-बूटियां अपने कैंसर रोधी गुणों के लिए जानी जाती हैं:
- हल्दी: इसमें करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली यौगिक होता है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण होते हैं।
- लहसुन: इसमें सल्फर यौगिक होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं।
- अदरक: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
6. पानी: हाइड्रेशन की कुंजी पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और कोशिकाओं के सही कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
किन चीजों से बचें:
- प्रसंस्कृत और लाल मांस: प्रसंस्कृत मांस (जैसे सॉसेज, बेकन) और अत्यधिक लाल मांस का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- अत्यधिक चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: ये शरीर में सूजन पैदा करते हैं और कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
- अल्कोहल: शराब का अत्यधिक सेवन कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
एक संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाकर हम कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से खुद को बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह न केवल कैंसर से बचाव में मदद करता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को भी बढ़ावा देता है।